छत्तीसगढ़जगदलपुरबकावंडबस्तर संभाग

डिमरापाल घोटाला: बांध के नाम पर हजम हुए 30 लाख, किसानों की जमीन हड़पी, अफसरों ने दबाया सच – सुशासन तिहार की पोल खुली

      ☝️देखिए वीडियोबयान बदलवाने दबाव – धमकी

करपावंड में लूट का बांध:करोड़ों डकार गए अफसरों,आदिवासी किसानों की जमीन कब्ज़ाई, बयान बदलवाने दबाव – धमकी…सुशासन तिहार या घोटाला उत्सव?

(डमरू कश्यप)! बकावंड:-
बस्तर जिले के बकावंड विकासखंड अंतर्गत करपावंड वन परिक्षेत्र से एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने शासन-प्रशासन के ‘सुशासन तिहार’ के दावों की सरेआम पोल खोल दी है। डिमरापाल नाले पर प्रस्तावित बांध निर्माण में भारी भ्रष्टाचार, किसानों की जमीन पर अवैध कब्जा और मुआवज़ा न देने के आरोप सामने आए हैं।

यह परियोजना वर्ष 2023-24 में केम्पा मद (नरवा विकास योजना) के तहत स्वीकृत की गई थी। इस योजना के लिए ₹30,52,574 की राशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह बांध न डिमरापाल में बना, न निर्धारित समय में। इसके बजाय समय सीमा खत्म होने के बाद सतोषा, चालानगुड़ा बीट (कक्ष क्रमांक 1174) में एक घटिया किस्म का चेक डैम बना दिया गया — वह भी आदिवासी किसानों की पट्टे की जमीन पर।


“किसानों की पुकार: वादे झूठे, मुआवजा शून्य”

स्थानीय किसान बुदरू कश्यप ने बताया, “मेरे खेत में बिना अनुमति के तालाब बना दिया गया। रेंजर और डिप्टी ने मछली पालन की मदद का वादा किया था, लेकिन बाद में मुकर गए।”
प्रेम कश्यप, तुलाराम कश्यप, समदु राम, जुगसाय कश्यप, दयमन नेताम, धनसाय कश्यप जैसे दर्जनों किसानों ने बताया कि उन्हें मुआवज़ा, सहायता या कोई लिखित अनुबंध तक नहीं दिया गया।

गांव वालों का कहना है कि इस निर्माण में लगे मजदूरों, ट्रैक्टरों और मशीनों का भी भुगतान नहीं किया गया। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारियों ने किसानों पर जबरन हस्ताक्षर करवाने और बयान बदलवाने का सिलसिला जारी रखा।


“प्रशासनिक दबाव और बयान वापसी की साजिश”

किसानों ने जब मीडिया में आवाज़ उठाई, तो विभाग ने दबाव डालकर बयान वापसी कराई। बुदरू कश्यप ने बताया, “मेरे घर बीट गार्ड देवा आया, कोरा कागज पर साइन करवाया और वीडियो में बयान दिलवाया कि मेरी पहली बात गलत थी।”
बीट गार्ड ने खुद स्वीकार किया कि यह सब रेंजर सौरभ रजक और डीएफओ उत्तम कुमार गुप्ता के आदेश पर हुआ।


“रेंजर का गोलमोल जवाब और लीपापोती का खेल”

इस मामला को लेकर जब रेंजर सौरभ रजक से बीते दिनों में हमारे संवाददाता ने फोन पर बात की गई तो उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया, “डिमरापाल बांध का डिमरापाल में बनना जरूरी नहीं है।” उन्होंने इसे “चेक डैम” कहकर मामले को टालने की कोशिश की।

इस घोटाले को “बस्तर डगर” यूट्यूब चैनल व पोर्टल ने प्रमुखता से उजागर किया, जिसके बाद विभागीय हलकों में हड़कंप मच गया। लेकिन सफाई की जगह अब बयानबाज़ी और दबाव की रणनीति अपनाई जा रही है।


“सुशासन तिहार की सच्चाई पर सवाल”

यह मामला राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘सुशासन तिहार’ की पारदर्शिता और जवाबदेही के दावों पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुआई में चल रहे इस अभियान में जब ऐसा भ्रष्टाचार सामने आ रहा है और फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही, तो जनता में आक्रोश स्वाभाविक है।

बकावंड जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत कराया गया था, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।


“मांग: निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई”

स्थानीय पत्रकारों द्वारा वनमंडलाधिकारी बस्तर को लिखित शिकायत 02/01/2025 को दी गई है, मांग की गई कि उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ग्रामीण यह जानना चाहते हैं कि जब डिमरापाल नाले के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, तो बांध वहीं क्यों नहीं बना? और अब जो चेक डैम बना है, उसका निर्माण घटिया, अधूरा और नुकसानदेह है।

“एक अनुमान के अनुसार चेक डैम की लागत बमुश्किल ₹2 से 3 लाख है, फिर शेष राशि कहां गई?


मामला विराट रूप में, आंदोलन की चेतावनी
अब ग्रामीण वन मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, कलेक्टर और कमिश्नर को शिकायत करने की तैयारी में हैं। मामला दिन-ब-दिन विराट रूप लेता जा रहा है, और आंदोलन की संभावना बन रही है।


और अंत में: सुशासन तिहार बना घोटालों का त्योहार?

इस पूरे मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि बस्तर जैसे संवेदनशील आदिवासी अंचल में परियोजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार किस कदर हावी है। यदि शासन ने अब भी गंभीरता नहीं दिखाई, तो यह ‘सुशासन तिहार’ नहीं, ‘घोटालों का महापर्व’ सिद्ध होगा।

और सबसे बड़ा सवाल:
👉 सुशासन तिहार के बीच उठे सवाल, सवाल ही रह गया, बकावंड ब्लॉक में जबकि सुशासन तिहार का शुक्रवार को समापन किया गया! जनप्रतिनिधि को अवगत होने के बाद भी नहीं हुआ समाधान!

Related Articles

Back to top button
You Cannot able to copy the content! All Reserved Rights of Bastar Dagar