छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सल मोर्चे पर बड़ी जीत, 22 खूंखार नक्सली हथियार छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटे, 40 लाख से ज्यादा के इनामी शामिल

सुकमा, 18 अप्रैल 2025 छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में आज माओवाद विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। माड़ और नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय एक नक्सली दंपति सहित कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया। इनमें 9 महिलाएं भी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाए जा रहे ‘नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत’ अभियान एवं “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रेरित होकर इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। शासन की “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025” के तहत इन सभी को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि व कपड़े दिए गए हैं।
इनाम राशि 40 लाख 50 हजार रुपये आत्मसमर्पित नक्सलियों में शामिल 4 नक्सलियों पर 5-5 से लेकर 8-8 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था। शेष नक्सलियों पर 2 लाख, 50 हजार या मिलिशिया स्तर के इनाम घोषित थे।
*प्रमुख आत्मसमर्पित नक्सली इस प्रकार हैं:*
मुचाकी जोगा (8 लाख) – PLGA कंपनी नंबर 01, डिप्टी कमांडर
मुचाकी जोगी (8 लाख) – PLGA प्लाटून नंबर 01, सदस्य
किकिड देवे (5 लाख) – नुआपाड़ा डिवीजन, ACM
मनोज उर्फ दूधी बुधरा (5 लाख) – माड़ डिवीजन, DK प्रेस टीम सदस्य
अन्य सदस्यों में RPC अध्यक्ष, मिलिशिया कमांडर, CNM, KMS प्रमुख और LOS सदस्य शामिल हैं।
सुरक्षा बलों की विशेष भूमिका इस अभियान में जिला बल, DRG सुकमा, RFT कोंटा, CRPF की 02, 74, 131, 217, 219, 223, 226, 227, 241 बटालियन एवं COBRA 203 वाहिनी की आसूचना शाखाओं की विशेष भूमिका रही।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण आत्मसमर्पण सुकमा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आनंद सिंह राजपुरोहित (पुलिस उप महानिरीक्षक), किरण चव्हाण (एसपी सुकमा), धन सिंह बिष्ट (कमांडेंट CRPF 226) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बिना हथियार के किया गया।
*सरकार का 1 करोड़ का प्रोत्साहन*
सरकार द्वारा जिन ग्राम पंचायतों से नक्सली पूरी तरह बाहर हो चुके हैं, उन्हें 1 करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए प्रोत्साहन स्वरूप देने की योजना है।
यह आत्मसमर्पण एक बार फिर दिखाता है कि सरकार की नीति और सुरक्षा बलों की रणनीति सही दिशा में है और छत्तीसगढ़ शांति की ओर बढ़ रहा है।