बस्तर में पेयजल संकट पर फूटा जनप्रतिनिधि का आक्रोश: 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे विधायक लखेश्वर बघेल, कहा – अब आर-पार की लड़ाई होगी

बस्तर में पेयजल संकट पर फूटा जनप्रतिनिधि का आक्रोश: 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे विधायक लखेश्वर बघेल, कहा – अब आर-पार की लड़ाई होगी
बस्तर, 27 जून 2025
बस्तर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गहराते पेयजल संकट और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) की लापरवाही से आक्रोशित बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। उन्होंने 2 जुलाई से बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का एलान किया है।
विधायक बघेल ने आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों में भारी अनियमितताएं और लापरवाही सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में पानी की गंभीर समस्या के बावजूद विभागीय अधिकारियों की अनदेखी, ढुलमुल रवैया और गैर-जवाबदेही ने हालात को बद से बदतर बना दिया है।
उन्होंने बताया कि बीते कई महीनों से उन्होंने शासन स्तर से लेकर विभागीय अधिकारियों तक लगातार पत्राचार किया, सैकड़ों ग्रामीणों के साथ ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन इसके बावजूद कोई सार्थक पहल नहीं हुई। “विभाग की निष्क्रियता से ऐसा लगता है कि उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना ही नहीं है,” विधायक ने तीखा आरोप लगाया।
जलजीवन मिशन पर सवाल
बघेल ने जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना सिर्फ कागजों पर सीमित रह गई है। सूखा प्रभावित इलाकों में बोर खनन तक नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों की दिनचर्या और स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
कहा – यह अब जन आंदोलन बनेगा
विधायक ने चेताया कि यदि जल्द ही पेयजल संकट के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई अब सिर्फ मेरी नहीं, बस्तर की जनता की है। मैं जनता के मौलिक अधिकार — शुद्ध पेयजल — के लिए अंतिम सांस तक लड़ूंगा।”
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इस निर्णायक भूख हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी शासन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की होगी।
क्या कहता है बस्तर का हाल
बस्तर के कई गांवों में इस समय पीने के पानी की भारी किल्लत है। जलस्रोत सूख चुके हैं, कई जगह महीनों से हैंडपंप और नल खराब पड़े हैं। ग्रामीण बाल्टियों और बर्तनों में दूर-दराज से पानी लाने को मजबूर हैं।
अब देखना होगा कि विधायक बघेल की इस चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आता है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि यह मामला अब बस्तर की राजनीति और जनभावनाओं के केंद्र में आ चुका है।