जगदलपुर में 14 साल बाद फिर शुरू हुई संपत्ति नपाई, 35 हजार भवनों का हो रहा सीमांकन – राजस्व में 12 करोड़ की उम्मीद


जगदलपुर में 14 साल बाद फिर शुरू हुई संपत्ति नपाई, 35 हजार भवनों का हो रहा सीमांकन – राजस्व में 12 करोड़ की उम्मीद

जगदलपुर। नगर पालिका निगम जगदलपुर द्वारा 14 वर्षों बाद एक बार फिर आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों की नपाई का कार्य तेज़ी से जारी है। महापौर संजय पांडे के निर्देशन और आयुक्त प्रवीण वर्मा के मार्गदर्शन में यह अभियान 22 मई से शुरू किया गया है। अब तक लगभग 6,000 भवनों की नपाई हो चुकी है और अनुमान है कि जुलाई मध्य तक 35,000 भवनों की नपाई पूर्ण हो जाएगी।
नगर निगम अधिनियम 1956 के तहत हर 5 वर्षों में संपत्तियों की नपाई होना अनिवार्य है, लेकिन पिछली बार यह सर्वे 2011 में किया गया था, जब शहर में कुल 27,128 भवन दर्ज थे। उस समय नगर निगम को लगभग 6 करोड़ रुपये का संपत्ति कर प्राप्त होता था। अब जबकि भवनों की संख्या 35 हजार के करीब पहुंच चुकी है, निगम को करीब 12 करोड़ रुपये सालाना राजस्व मिलने की उम्मीद है।
महापौर संजय पांडे ने कहा कि नपाई कार्य से संपत्ति की सटीक सीमांकन रिपोर्ट तैयार की जाती है, जिससे यह पता चल सके कि कहीं कोई अवैध निर्माण तो नहीं हुआ है। यह कार्रवाई निर्माण नियमों के पालन की निगरानी के लिए भी अहम है। उन्होंने शहरवासियों से निगम को पूर्ण सहयोग देने की अपील की है।
राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा ने बताया कि नपाई से संपत्ति का मूल्य निर्धारण भी संभव होता है और इससे कर निर्धारण अधिक सटीक हो सकेगा। इस कार्य में राजस्व अधिकारी विनय श्रीवास्तव, उप निरीक्षक कुलदीप पाणिग्रही और सहायक निरीक्षक दल भी सक्रिय रूप से जुटे हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार की “नक्शा योजना” के अंतर्गत जगदलपुर का चयन किया गया है, जिसके तहत ड्रोन सर्वे से भी भवनों की फोटोग्राफी की जा रही है। इस आधुनिक प्रक्रिया से नपाई कार्य और अधिक सटीक एवं पारदर्शी हो रहा है।
नगर निगम ने सभी नागरिकों और करदाताओं से अपील की है कि वे इस अभियान में निगम की टीम को सहयोग करें और एक पारदर्शी कर व्यवस्था को मजबूत बनाने में सहभागी बनें।