अब रजिस्ट्री में आएंगी 10 क्रांतियां, घर बैठे पाएं दस्तावेज, नहीं जाना पड़ेगा ऑफिस


“अब रजिस्ट्री में आएंगी 10 क्रांतियां, घर बैठे पाएं दस्तावेज, नहीं जाना पड़ेगा ऑफिस“

जगदलपुर, 17 मई 2025।
राज्य सरकार ने पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा और सेवा के लिए 10 नई तकनीकी और डिजिटल सुविधाओं की शुरुआत की है। इस संबंध में आज जिला कार्यालय के प्रेरणा सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वित्त एवं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और जनता के अनुकूल बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा शुरू की गई नई पहल के तहत अब रजिस्ट्री दस्तावेज डिजीलॉकर में सुरक्षित रहेंगे, आधार वेरिफिकेशन से फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी, रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण स्वतः हो जाएगा और नागरिक घर बैठे दस्तावेज तैयार कर पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर द्वारा जनप्रतिनिधियों, बिल्डर्स, अधिवक्ताओं और मीडिया को इन सुविधाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उप पंजीयक सत्या कश्यप ने नए नियमों की तकनीकी व्याख्या प्रस्तुत की।
“पंजीयन विभाग की 10 प्रमुख नई सुविधाएं इस प्रकार हैं:
- आधार आधारित पहचान: फर्जी रजिस्ट्री रोकने क्रेता-विक्रेता की बायोमैट्रिक पहचान।
- ऑनलाइन रजिस्ट्री खोज व डाउनलोड: खसरा नंबर से पुरानी रजिस्ट्री देखना व डाउनलोड करना।
- ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाणपत्र: बंधक या ऋण की स्थिति जानने डिजिटल सुविधा।
- कैशलेस भुगतान प्रणाली: स्टाम्प व पंजीयन शुल्क अब ऑनलाइन भुगतान योग्य।
- व्हाट्सअप सेवाएं: स्लॉट बुकिंग, रजिस्ट्री जानकारी और फीडबैक की सुविधा।
- डिजीलॉकर में दस्तावेज सुरक्षित: पंजीकृत दस्तावेज अब डिजिटल रूप में संरक्षित।
- रजिस्ट्री दस्तावेजों का स्वतः निर्माण: पक्षकार की जानकारी भरते ही दस्तावेज जनरेट।
- घर बैठे डिजिटल दस्तावेज निर्माण: किरायानामा, शपथ पत्र जैसे दस्तावेज ऑनलाइन।
- घर बैठे रजिस्ट्री सुविधा: होम विजिट व 500 रु. में पारिवारिक दस्तावेज पंजीयन।
- स्वतः नामांतरण: रजिस्ट्री पूर्ण होते ही राजस्व रिकॉर्ड में नाम जुड़ना।
इस कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर संजय पांडेय, कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस, जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन सहित अनेक अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मंत्री चौधरी ने कहा कि यह 10 क्रांतियां न केवल नागरिकों का समय और खर्च बचाएंगी, बल्कि शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली को भी अधिक पारदर्शी और जनोन्मुखी बनाएंगी।