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छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया मुख्य सचिव: दिल्ली से रायपुर तक चल रहा मंथन, पिंगुआ सबसे आगे

छत्तीसगढ़ को मिलेगा नया मुख्य सचिव: दिल्ली से रायपुर तक चल रहा मंथन, पिंगुआ सबसे आगे

रायपुर, 28 जून 2025।
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 जून को सेवा निवृत्त हो रहे हैं। उनके रिटायरमेंट से ठीक पहले राज्य का नया प्रशासनिक मुखिया तय करने को लेकर दिल्ली से लेकर रायपुर तक मंथन तेज हो गया है। अगले तीन दिनों में यह साफ हो जाएगा कि किस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

तीन नाम रेस में, पिंगुआ सबसे आगे
हालांकि छत्तीसगढ़ कैडर के सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इस पद के लिए पात्र हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थिति में केवल तीन नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं — मनोज पिंगुआ, सुब्रत साहू और अमित अग्रवाल। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा 1994 बैच के आईएएस मनोज पिंगुआ की हो रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय की पहली पसंद बताए जा रहे पिंगुआ शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के कुछ अफसरों से मुलाकात भी कर चुके हैं। जानकारों का मानना है कि अगर अमित अग्रवाल छत्तीसगढ़ आने से मना कर देते हैं, तो पिंगुआ की नियुक्ति लगभग तय मानी जा रही है।

सुब्रत साहू और अमित अग्रवाल भी दौड़ में
1992 बैच के आईएएस सुब्रत साहू सीनियरिटी में आगे हैं। वे फिलहाल सहकारिता और धार्मिक न्यास विभाग के एसीएस हैं। कार्यकुशल और तेजतर्रार छवि के बावजूद उनके भूपेश सरकार में मुख्यमंत्री सचिव रहने के कारण कुछ भाजपा नेता असहज बताए जा रहे हैं।

वहीं, 1993 बैच के अमित अग्रवाल दिल्ली में औषधि विभाग के सचिव हैं। पीएमओ में काम करने और केंद्र में प्रभावशाली छवि के चलते उनका नाम चर्चा में है, लेकिन प्रदेश में लंबे समय से अनुपस्थित रहने और स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था से अनभिज्ञ होने की वजह से उनकी दावेदारी कमजोर पड़ सकती है।

सीनियर होने के बावजूद कुछ अफसर दौड़ से बाहर
राज्य की सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रेणु पिल्ले (1991 बैच) वर्तमान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एसीएस हैं, लेकिन कामकाज में व्यावहारिक न होने की छवि के कारण वे रेस से बाहर मानी जा रही हैं। वहीं, 1994 बैच की ऋचा शर्मा और निधि छिब्बर केंद्र में पदस्थ हैं और लौटने की इच्छुक नहीं हैं। विकासशील जैसे अफसर ने तो पहले ही विदेश से लौटने से इनकार कर दिया है।

फैसले की घड़ी नजदीक
अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री सचिवालय और दिल्ली के निर्णय पर टिकी हैं। सीनियरिटी, कार्यशैली, राजनीतिक स्वीकार्यता और दिल्ली की सहमति— इन सभी पहलुओं पर मंथन के बाद अगले मुख्य सचिव के नाम की घोषणा अगले तीन दिनों में हो सकती है। फिलहाल, शांत स्वभाव और साफ-सुथरी छवि के चलते मनोज पिंगुआ सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

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