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“छत्तीसगढ़ में बनेगा कलाकारों का महाकुंभ! नवा रायपुर में 10 एकड़ में स्थापित होगा भव्य कलाग्राम, केंद्र करेगा फुल फंडिंग – पारंपरिक कला को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान”

“छत्तीसगढ़ में बनेगा कलाकारों का महाकुंभ! नवा रायपुर में 10 एकड़ में स्थापित होगा भव्य कलाग्राम, केंद्र करेगा फुल फंडिंग – पारंपरिक कला को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान”

रायपुर, 05 जून 2025/
छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और शिल्प को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। नवा रायपुर अटल नगर में पुरखौती मुक्तांगन के सामने भव्य एवं आकर्षक कलाग्राम की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 एकड़ भूमि निःशुल्क देने का निर्णय लिया है, जिसकी आधिकारिक मंजूरी 4 जून को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में दी गई।

कलाग्राम की स्थापना का उद्देश्य प्रदेश की पारंपरिक कला, संस्कृति और शिल्प को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना है। यह प्रस्ताव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की मांग पर स्वीकृत किया गया है। नवा रायपुर के सेक्टर-24, ग्राम उपरवारा स्थित भूमि को इसके लिए चिन्हित किया गया है, जो दो ओर से मुख्य मार्ग से जुड़ी हुई है और पुरखौती मुक्तांगन के बिल्कुल सामने स्थित है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि,

“यह सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि हमारे कलाकारों के सपनों का मंच होगा। इससे उन्हें न केवल अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा, बल्कि जीविका के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। हमारी सरकार हस्तशिल्प और लोककला को आत्मनिर्भर भारत की भावना से जोड़कर उन्हें वैश्विक मंच देना चाहती है।”

क्या होगा कलाग्राम में?

यह कलाग्राम शिल्पकारों, लोक कलाकारों और पारंपरिक कारीगरों के लिए एक समर्पित सांस्कृतिक केंद्र होगा। यहां पर देशभर से कलाकार एकत्र होकर न केवल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, बल्कि यह केंद्र सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

केंद्र सरकार उठाएगी सारा खर्च

कलाग्राम के निर्माण, संचालन और संरक्षण संबंधी समस्त खर्च भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन किया जाएगा। इससे राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, और एक भव्य सांस्कृतिक केंद्र अस्तित्व में आ सकेगा।

भूमि आवंटन में भी बड़ी राहत

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा चिन्हांकित भूमि स्ववित्त पोषित संस्था के अंतर्गत आती है, इसलिए राज्य शासन प्रीमियम और भू-भाटक की राशि प्राधिकरण को देगा। इससे परियोजना को कानूनी और आर्थिक मजबूती भी प्राप्त होगी।

क्यों खास है यह पहल?

पहली बार छत्तीसगढ़ में कलाकारों के लिए एक समर्पित केंद्र

पारंपरिक कला और संस्कृति को मिलेगा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंच

स्थानीय कारीगरों को मिलेगा स्थायी प्रदर्शन स्थल

रचनात्मक उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों में आएगी नई जान

यह निर्णय छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को न सिर्फ संरक्षित करने, बल्कि उसे सशक्त बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है। आने वाले समय में यह कलाग्राम छत्तीसगढ़ की पहचान और कलाकारों की आशाओं का प्रतीक बनेगा।

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