स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया इस्तीफा, संसद सत्र के पहले दिन लिया बड़ा फैसला, दो साल पहले पूरा होना था कार्यकाल

नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025
देश की राजनीति से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आई है। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपा है। इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।”
राष्ट्रपति को भेजे गए त्यागपत्र में उन्होंने महामहिम का आभार व्यक्त किया है और अपने कार्यकाल के दौरान मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
संसद सत्र के पहले दिन आया इस्तीफा, संवैधानिक पद खाली
धनखड़ के इस्तीफे की टाइमिंग भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि आज से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ है। ऐसे में राज्यसभा के सभापति का पद अचानक खाली हो गया है, जिससे सत्र के संचालन पर असर पड़ सकता है। अब यह चर्चा तेज हो गई है कि अगला उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति कौन होगा।
तीन साल पहले बने थे देश के 14वें उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उन्होंने 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से सांसद के तौर पर संसद में प्रतिनिधित्व किया। वी.पी. सिंह और चंद्रशेखर सरकारों में वह केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
एनडीए में चुने गए थे, सेना छोड़ कानून चुना
धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक किसान परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई गांव में करने के बाद वह चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में पढ़े। उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में हो गया था, लेकिन उन्होंने सेना में जाने की बजाय आगे पढ़ाई का रास्ता चुना। राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर कानून की पढ़ाई करने के बाद वह जयपुर में वकालत करने लगे।
मार्च में भर्ती हुए थे एम्स, पीएम मोदी ने की थी मुलाकात
मार्च 2025 में जगदीप धनखड़ को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। जानकारी के मुताबिक, उन्हें हार्ट संबंधी समस्या हुई थी। उनकी तबीयत बिगड़ने की खबर मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एम्स पहुंचे थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से उनकी स्थिति की जानकारी ली थी।
अभी दो साल बाकी था कार्यकाल
धनखड़ का उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल अभी दो साल और चलना था, लेकिन उन्होंने अचानक इस्तीफा देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब यह देखना होगा कि नया उपराष्ट्रपति कौन बनेगा और क्या संसद सत्र में कार्यवाही सामान्य रूप से चल पाएगी।
यह इस्तीफा केवल संवैधानिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति और संसद संचालन के लिहाज से भी एक अहम मोड़ माना जा रहा है।