22 मई को बस्तर जिले में प्री-बीएड एवं प्री-डीएलएड परीक्षा, 12,697 परीक्षार्थी होंगे शामिल; 46 परीक्षा केन्द्रों पर दो पाली में होगी परीक्षा

22 मई को बस्तर जिले में प्री-बीएड एवं प्री-डीएलएड परीक्षा, 12,697 परीक्षार्थी होंगे शामिल; 46 परीक्षा केन्द्रों पर दो पाली में होगी परीक्षा
जगदलपुर! बस्तर जिले में 22 मई को आयोजित होने वाली प्री-बीएड और प्री-डीएलएड प्रवेश परीक्षाओं को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कलेक्टर हरिस एस के निर्देश पर परीक्षा की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जिले से कुल 12,697 परीक्षार्थी इन दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे, जिनमें 7,448 परीक्षार्थी प्री-बीएड और 5,249 परीक्षार्थी प्री-डीएलएड में भाग लेंगे।
परीक्षा दो पाली में आयोजित की जाएगी—प्री-बीएड परीक्षा सुबह 10:00 से 12:15 बजे तक तथा प्री-डीएलएड परीक्षा दोपहर 2:00 से 4:15 बजे तक होगी। परीक्षार्थियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कुल 46 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें सुबह की पाली के लिए 18 और दोपहर की पाली के लिए 28 केंद्र शामिल हैं। आवश्यकता अनुसार जगदलपुर शहर से बाहर के विद्यालयों को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है।
डिप्टी कलेक्टर और नोडल अधिकारी मायानंद चंद्रा ने परीक्षार्थियों को सलाह दी है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए सुबह 9:30 बजे और दोपहर 1:30 बजे तक परीक्षा केंद्र पहुंच जाएं। साथ ही, उन्हें मूल पहचान पत्र (आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई एक) एवं व्यापमं द्वारा जारी साफ-सुथरा प्रवेश पत्र लाना अनिवार्य होगा। बिना पहचान पत्र और प्रवेश पत्र के किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
कलेक्टर के निर्देश पर कलेक्टोरेट स्थित नोडल अधिकारी कक्ष को हेल्पलाइन सेंटर बनाया गया है। किसी भी जानकारी के लिए परीक्षार्थी डिप्टी कलेक्टर मायानंद चंद्रा (मो. 83192-22059), परीक्षा प्रभारी डॉ. अजय सिंह ठाकुर (मो. 70009-74126) और कार्यालय सहायक सम्पत राम बघेल (मो. 62686-60403) से संपर्क कर सकते हैं।
जिन स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, उनमें तोकापाल, करंजी, पोटानार, बोरपदर, घाटलोहंगा, परचनपाल, आड़ावाल, मारकेल, बाबूसेमरा, माउंट लिटेरा जी स्कूल और बिलौरी स्थित शासकीय स्कूल प्रमुख हैं। परीक्षार्थियों से अपील की गई है कि वे निर्धारित समय से पहले पहुंचकर दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।