सामूहिक अवकाश पर जाएंगे छत्तीसगढ़ के NHM संविदा कर्मचारी, 20 वर्षों की सेवा के बाद भी अधिकारों के लिए संघर्ष

रायपुर।
छत्तीसगढ़ में कार्यरत सभी संविदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारी 15 अप्रैल को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इस दिन बिलासपुर के स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय महासम्मेलन में ये सभी कर्मचारी भाग लेंगे। इस आयोजन के माध्यम से कर्मचारी अपनी एकता प्रदर्शित कर सरकार से अपने लंबित अधिकारों की मांग करेंगे।
इस महासम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पूर्व स्वास्थ्य एवं वित्त मंत्री अमर अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और प्रदेश महासचिव कौशलेस तिवारी ने बताया कि यह सम्मेलन कर्मचारियों की एकजुटता और अधिकारों के लिए संघर्ष का प्रतीक है।
20 वर्षों की सेवा, लेकिन अभी भी अधूरी सुविधाएं
कर्मचारियों का कहना है कि वे बीते दो दशकों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें नियमितीकरण, ग्रेड-पे, पेंशन, चिकित्सा अवकाश और अनुकंपा नियुक्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं अब तक नहीं मिली हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने कई बार वादे किए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
कोरोना काल में निभाई अहम भूमिका, फिर भी उपेक्षा
कर्मचारियों ने याद दिलाया कि कोरोना महामारी के समय उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाएं दीं, मगर इसके बदले में उन्हें न तो सम्मान मिला और न ही उनके मुद्दों पर गंभीरता दिखाई गई। अब महासम्मेलन के जरिये वे सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर केंद्रित करना चाहते हैं।
एनएचएम का सफर और आज की चुनौतियाँ
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की शुरुआत भारत सरकार ने 12 अप्रैल 2005 को की थी। यह मिशन आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। लेकिन इसके तहत कार्यरत हजारों कर्मचारी आज भी अधिकारों से वंचित हैं और संघर्षरत हैं।
15 अप्रैल का महासम्मेलन कर्मचारियों की आवाज को बुलंद करेगा और सरकार को उनकी दशा और दिशा पर विचार करने के लिए प्रेरित करे