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छत्तीसगढ़ में मानसून थमा, तापमान में 4 डिग्री तक का उछाल — फिलहाल नहीं दिख रहे भारी बारिश के संकेत

छत्तीसगढ़ में मानसून थमा, तापमान में 4 डिग्री तक का उछाल — फिलहाल नहीं दिख रहे भारी बारिश के संकेत

रायपुर। प्रदेश में मानसून की रफ्तार फिलहाल थमती नजर आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन से चार दिनों तक बारिश के आसार नहीं हैं। इसकी मुख्य वजह मानसून को आगे बढ़ाने वाले मौसमी सिस्टम का कमजोर पड़ जाना है। यही कारण है कि पिछले पांच दिनों से मानसून नारायणपुर और कोंडागांव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

बुधवार को प्रदेश के किसी भी इलाके में न्यूनतम 10 मिमी बारिश दर्ज नहीं हुई, जबकि एक सप्ताह पहले तक 75 से अधिक इलाकों में बारिश हो रही थी। लगातार घटती बारिश का असर तापमान पर पड़ा है और प्रदेश का औसत तापमान 4 डिग्री तक बढ़ गया है।

केवल कुछ इलाकों में हल्की बारिश और यलो अलर्ट

मौसम विभाग ने गुरुवार को सूरजपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर सहित कुल 6 जिलों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ यलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य बना रहेगा।

सप्ताह भर में लगातार कम हुई बारिश

बीते सप्ताह बारिश की गति लगातार घटी है।

28 मई: 74 जगहों पर बारिश

29 मई: 27 जगहों पर

30 मई: 25 जगहों पर

31 मई: 20 जगहों पर

1 जून: 33 जगहों पर

2 जून: 3 जगहों पर

3 जून: सिर्फ 1 जगह पर

4 जून: कहीं भी 10 मिमी से अधिक बारिश दर्ज नहीं हुई

अब तक 53.51 मिमी बारिश, लेकिन सामान्य से बहुत दूर

22 मई से 28 मई के बीच प्रदेश में औसतन 53.51 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि छत्तीसगढ़ में मानसून सीजन के दौरान औसतन 1200 मिमी वर्षा होती है। बीते साल यह आंकड़ा 1276.3 मिमी तक पहुंचा था।

मई में सामान्य से 360% ज्यादा बारिश, अब सिस्टम कमजोर

इस साल मई में बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और तटीय राज्यों में लगातार सक्रिय सिस्टम बने, जिससे छत्तीसगढ़ में सामान्य से 360% अधिक बारिश दर्ज की गई। लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर हो चुके हैं।

आमतौर पर मई के महीने में तेज गर्मी पड़ती है, लेकिन इस बार पूरा महीना अपेक्षाकृत ठंडा रहा। अधिकतम तापमान भी 46-47 डिग्री की बजाय 38 डिग्री के आसपास बना रहा।

गरज-चमक और बिजली गिरने की स्थिति में बरतें सावधानी

गड़गड़ाहट सुनते ही घर के अंदर या सुरक्षित आश्रय में जाएं

पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे न ठहरें

खुले मैदान में हैं तो उकड़ूं बैठें

बिजली से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग न करें

मानसून लंबा चल सकता है

इस साल मानसून ने तय तारीख से आठ दिन पहले 24 मई को केरल में दस्तक दी। आमतौर पर मानसून की वापसी 15 अक्टूबर तक होती है। यदि इस बार भी निर्धारित समय तक मानसून बना रहता है और ब्रेक की स्थिति नहीं आती, तो प्रदेश को इसका लाभ मिल सकता है।

फिलहाल मौसम सामान्य, लेकिन सतर्कता जरूरी है।

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