छत्तीसगढ़: पत्नी के चरित्र पर शक में पति ने की दरिंदगी, चाकू से किए ताबड़तोड़ वार, निकली आंतें – हालत गंभीर

कवर्धा, 13 अप्रैल 2025।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से एक रूह कंपा देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। बोड़ला थाना क्षेत्र के चोरभट्टी गांव में एक सनकी पति ने अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करते हुए उस पर इस कदर हमला कर दिया कि महिला की आंतें बाहर आ गईं। यह घटना घरेलू हिंसा की हदें पार कर चुकी है, और समाज के लिए एक चिंताजनक संकेत बन गई है।
*घटना की पूरी जानकारी*
आरोपी बसंत और उसकी पत्नी फूलवंती गांव के साधारण दंपत्ति माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से उनके बीच विवाद बढ़ते जा रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक, बसंत अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था और उसे आए दिन मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देता था।
घटना वाले दिन भी किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई। बसंत ने अपना आपा खो दिया और रसोई में रखे चाकू से पत्नी पर अचानक हमला बोल दिया। उसने फूलवंती के पेट और गुप्तांग पर कई वार किए, जिससे उसकी आंतें बाहर निकल आईं। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी पहुंचे और घायल महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
*हालत गंभीर, रायपुर किया गया रेफर*
फूलवंती की हालत इतनी गंभीर थी कि प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे तत्काल रायपुर रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार महिला को कई आंतरिक और बाहरी चोटें आई हैं, और उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। फिलहाल ICU में उसका इलाज चल रहा है।
*पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार*
घटना की सूचना मिलते ही बोड़ला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी बसंत को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की पूछताछ जारी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अपनी पत्नी के चरित्र को लेकर बेहद असुरक्षित और मानसिक रूप से अस्थिर लग रहा था। उसे मेडिकल जांच के लिए भी भेजा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि वह किसी मानसिक बीमारी से तो ग्रसित नहीं है।
ग्रामीणों में भय और आक्रोश
घटना के बाद से चोरभट्टी गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे महिला सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला बताया है।
*घरेलू हिंसा की बढ़ती घटनाएं – एक सामाजिक संकट*
यह घटना केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में तेजी से बढ़ रही घरेलू हिंसा और स्त्री विरोधी मानसिकता की गहरी झलक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर घंटे एक महिला घरेलू हिंसा का शिकार होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए केवल सख्त कानून ही नहीं, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और स्त्री-सम्मान को लेकर जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है।
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निष्कर्ष:
कबीरधाम की यह दर्दनाक घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। अब वक्त आ गया है कि हम महिलाओं की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों को लेकर सतर्क और संवेदनशील बनें। पीड़िता के लिए न्याय और आरोपी के लिए सख्त सजा की मांग उठ रही है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न दोहराई जाएं।