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वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर को दी 1.16 करोड़ की सौगात, कहा- “नक्सल मुक्त बस्तर अब सपना नहीं, हकीकत बन रहा”

वनमंत्री केदार कश्यप ने बस्तर को दी 1.16 करोड़ की सौगात, कहा- “नक्सल मुक्त बस्तर अब सपना नहीं, हकीकत बन रहा”

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के वनमंत्री केदार कश्यप ने अपने बस्तर प्रवास के दौरान नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के सुधापाल और गोंदियापाल में करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बस्तर का चहुँमुखी विकास अब तेजी से हो रहा है और यह कार्य भाजपा शासन में ही संभव हो सका है।

उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर विकास के नए सोपान चढ़ रहा है। रावघाट रेल परियोजना जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हजारों करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जो बस्तर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने में मददगार होगी।

विकास कार्यों की मिली सौगात

वनमंत्री कश्यप ने सुधापाल और गोंदियापाल में मिनी स्टेडियम, प्राथमिक आश्रमों में हाईमास्ट लाइट, सीसी सड़कें, आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र और वन विभाग के भवनों सहित करीब 1.16 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह कार्य क्षेत्र के विकास और जनसुविधा को ध्यान में रखकर चुने गए हैं।

सुशासन तिहार से मिल रहा त्वरित समाधान

मंत्री ने ‘सुशासन तिहार’ को सरकार का क्रांतिकारी अभियान बताया और कहा कि इसके माध्यम से लोगों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो रहा है। सरकार की प्राथमिकता शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और रोजगार पर केंद्रित है, और इसी दिशा में ठोस कार्य हो रहा है।

सहकारिता से बदलेगा बस्तर का आर्थिक परिदृश्य

वनमंत्री ने सहकारिता को आत्मनिर्भरता का मार्ग बताते हुए कहा कि बस्तर में मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन और दुग्ध उत्पादन जैसे व्यवसायों के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने लोगों से सेवा सहकार से जुड़ने की अपील की।

बस्तर अब नक्सल मुक्त होने की ओर

अपने उद्बोधन में मंत्री केदार कश्यप ने ऐतिहासिक जानकारी साझा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने बस्तर को LWE (वामपंथी उग्रवाद) सूची से बाहर कर दिया है, जिससे यह क्षेत्र अब नक्सल प्रभावित जिले की श्रेणी से बाहर आ चुका है। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार का नहीं बल्कि हर बस्तरवासी का सपना था, जो अब पूरा हो रहा है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बस्तर अब एक नई पहचान की ओर अग्रसर है। आने वाले समय में हर बस्तरवासी को ‘बस्तरिया’ कहलाने पर गर्व महसूस होगा।”

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