खरीफ सीजन में किसानों को नहीं होगी खाद की कमी: 94% खाद का भंडारण, 70% वितरण पूरा, डीएपी की कमी से निपटने 3 लाख से ज्यादा नैनो डीएपी बोतलें उपलब्ध

खरीफ सीजन में किसानों को नहीं होगी खाद की कमी: 94% खाद का भंडारण, 70% वितरण पूरा, डीएपी की कमी से निपटने 3 लाख से ज्यादा नैनो डीएपी बोतलें उपलब्ध
रायपुर! छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को खेती-किसानी के लिए खाद की कोई कमी नहीं होगी। राज्य सरकार ने इस सीजन के लिए 14 लाख 62 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद के भंडारण का लक्ष्य तय किया था, जिसके विरुद्ध अब तक 13 लाख 78 हजार मीट्रिक टन यानी 94% खाद का भंडारण किया जा चुका है। इसके अलावा, भंडारित खाद में से 10 लाख 20 हजार मीट्रिक टन यानी करीब 70% खाद का वितरण भी किसानों को कर दिया गया है।
राज्य में इस समय युरिया, एनपीके, पोटाश, सुपर फास्फेट जैसी सभी प्रमुख रासायनिक खादें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और किसानों को उनकी मांग के अनुसार सहकारी समितियों के माध्यम से सुचारु रूप से दी जा रही हैं। कृषि विभाग के अनुसार, 6 लाख 22 हजार मीट्रिक टन युरिया का भंडारण किया गया है, जिसमें से 4 लाख 87 हजार मीट्रिक टन (68%) का वितरण किसानों को हो चुका है।
इसी तरह, 2 लाख 22 हजार मीट्रिक टन एनपीके खाद का भंडारण हुआ, जिसमें से 1 लाख 70 हजार मीट्रिक टन (95%) किसानों तक पहुंचाया गया है। पोटाश का 77 हजार मीट्रिक टन और सुपर फास्फेट का 2 लाख 76 हजार मीट्रिक टन भंडारित किया गया है, जिनमें से क्रमशः 90% (53 हजार मीट्रिक टन) और 83% (1 लाख 66 हजार मीट्रिक टन) का वितरण हो चुका है।
डीएपी खाद की वैश्विक कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने विकल्प के रूप में नैनो डीएपी को किसानों तक पहुंचाने की पहल की है। इफको कंपनी के माध्यम से अब तक 3 लाख 5 हजार से अधिक नैनो डीएपी की बोतलों का भंडारण प्रदेश में कराया जा चुका है। इनमें से 82,470 बोतलें डबल लॉक केंद्रों में, 1 लाख 41 हजार 389 बोतलें प्राथमिक सहकारी समितियों में और 48 हजार बोतलें निजी विक्रेताओं के पास सुरक्षित हैं। इफको के पास अभी भी 33 हजार से अधिक बोतलें शेष हैं। किसानों को ये नैनो डीएपी बोतलें सहकारी समितियों से 600 रुपये प्रति आधा लीटर की दर पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा किसानों को मिश्रित खादों के उपयोग के लिए लगातार मार्गदर्शन भी किया जा रहा है, ताकि डीएपी की कमी का प्रभाव उनकी खेती पर न पड़े। वहीं, खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी के मामलों पर प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों को खाद के लिए कतई परेशान नहीं होना पड़ेगा और पूरे खरीफ सीजन में समितियों के माध्यम से उन्हें आवश्यकतानुसार खाद की आपूर्ति होती रहेगी। सरकार का उद्देश्य किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाली खाद उपलब्ध कराकर उत्पादन को बढ़ावा देना है।