धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान: बस्तर में 377 गांवों का होगा समग्र विकास, 17 विभागों की 25 योजनाओं का मिलेगा लाभ


धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान: बस्तर में 377 गांवों का होगा समग्र विकास, 17 विभागों की 25 योजनाओं का मिलेगा लाभ

जगदलपुर, 18 जून 2025।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत बुधवार को जगदलपुर के श्यामा प्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सांसद महेश कश्यप ने कहा कि “बस्तर का सर्वांगीण विकास जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ और सबके सहयोग से ही संभव है।” उन्होंने जनजातीय समाज की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए जल, जंगल और जमीन को उनकी जीवनशैली व आजीविका से जुड़ा बताया।
महेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बस्तर क्षेत्र की अधोसंरचना और परिवहन सुविधा हेतु हाल में कई घोषणाएं की गई हैं, जिनका लाभ जल्द ही दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि आज बस्तर बदल रहा है, पर्यटन और खेल जैसे क्षेत्रों में यहां के युवाओं और प्रतिभाओं ने बस्तर को नई पहचान दी है।
“कलेक्टर हरिस एस ने दी योजनाओं की जानकारी”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर हरिस एस ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत बस्तर जिले के 377 गांवों का समग्र विकास किया जाएगा। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के 17 विभागों की 25 योजनाएं शामिल हैं। नागरिकों को आधार, जाति-निवास-आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, श्रमिक पंजीयन, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन, पीएम आवास योजना, शिक्षा, महिला-बाल विकास जैसी सेवाएं दी जाएंगी।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, उपाध्यक्ष बलदेव मंडावी, पूर्व विधायक राजाराम तोड़ेम,पार्षद,जिला अध्यक्ष वेदप्रकाश पांडेय, नरसिंह राव सहित अन्य जनप्रतिनिधि, सीईओ प्रतीक जैन, सहायक आयुक्त गणेश शोरी और बड़ी संख्या में अधिकारी व नागरिक उपस्थित थे।
“स्टॉल और बीज वितरण”
विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों में योजनाओं की जानकारी दी गई और पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही जोड़ा गया। कृषि विभाग द्वारा रागी बीज का वितरण भी किया गया।
“अभियान का राष्ट्रीय महत्व”
गौरतलब है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर की गई थी। यह अभियान पूरे देश में 15 से 30 जून तक चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा की योजनाओं से जोड़ते हुए सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका क्षेत्र में अंतर को खत्म करना है।
यह अभियान विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) तक पहुँच सुनिश्चित करने का भी कार्य कर रहा है। झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा को धरती आबा कहा जाता है और उसी सम्मान के साथ यह कार्यक्रम जनजातीय गरिमा व सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरा है।