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धरती आबा योजना के तहत बकावंड में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित, समावेशी विकास मॉडल पर हुई चर्चा

धरती आबा योजना के तहत बकावंड में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित, समावेशी विकास मॉडल पर हुई चर्चा

बकावंड! जनपद पंचायत बकावंड के सभागार में धरती आबा योजना अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 में शुरू की गई जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आदिवासी बाहुल्य गांवों का समावेशी और एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है।

कार्यशाला में बताया गया कि धरती आबा योजना एक “कन्वर्जेंस मॉडल” है, जिसमें 18 केंद्रीय मंत्रालयों की 25 से अधिक योजनाओं को एकीकृत करते हुए आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, जल संसाधन, डिजिटल समावेशन और महत्वाकांक्षी योजनाओं को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत उन गांवों का चयन किया गया है, जहां 50% या उससे अधिक जनसंख्या आदिवासी है और जो अब तक विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ सके हैं।

कार्यक्रम के दौरान जनपद सदस्य बंशी कश्यप, भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता महेंद्र कश्यप, सरपंच उपाध्यक्ष गोपाल, दुर्जन सूर्यवंशी, संतोष, नीलम कश्यप, कोड़ीराम सहित ब्लॉक के सभी सरपंच, सचिव, तथा एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सभी वक्ताओं ने आदिवासी समाज, महिलाओं, गरीबों और बच्चों के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” की सोच को साकार करती है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए 79,156 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को योजना के उद्देश्यों, क्रियान्वयन रणनीतियों और गांवों के समग्र विकास की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी गई।

यह कार्यक्रम आदिवासी क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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