खेलछत्तीसगढ़बस्तर संभाग

दंतेवाड़ा की बेटियों ने रचा इतिहास: राष्ट्रीय थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण पदक, नक्सल क्षेत्र से निकलकर देशभर में चमका नाम

दंतेवाड़ा की बेटियों ने रचा इतिहास: राष्ट्रीय थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीते स्वर्ण पदक, नक्सल क्षेत्र से निकलकर देशभर में चमका नाम

रायपुर/दंतेवाड़ा, 1 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की तीन बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करते हुए इतिहास रच दिया है। तेलंगाना के खैराताबाद में आयोजित 11वीं राष्ट्रीय थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में नुपुर ठाकुर, छाया नाग और नेहल ठाकुर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किए।

इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता में देशभर के आठ राज्यों के लगभग 150 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। छत्तीसगढ़ से कुल 14 खिलाड़ियों ने मेडल जीते, जिनमें दंतेवाड़ा जिले की इन तीन बेटियों का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।

नक्सल क्षेत्र से निकलीं उम्मीद की किरणें

खेल सुविधाओं और संसाधनों की कमी के बावजूद नुपुर, छाया और नेहल ने अपने दृढ़ संकल्प और अथक मेहनत के बलबूते ये बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नुपुर ठाकुर इससे पहले भी गोवा में आयोजित थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं, और इस बार फिर उन्होंने खुद को साबित कर दिखाया है।

परिवार ने निभाई अहम भूमिका

नुपुर ठाकुर के पिता अर्जुन सिंह ठाकुर किराना व्यवसायी हैं जबकि मां दयावती ठाकुर बिजली विभाग में कार्यरत हैं। वहीं छाया नाग के पिता कुंवर सिंह ठाकुर शिक्षक और मां अनिता ठाकुर गृहिणी हैं। परिजनों ने इन बेटियों की प्रतिभा को समझा और हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके चाचा दिनेश ठाकुर और चाची तरुणलता पिंकी ठाकुर ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई दी है।

कोच और संघ का मार्गदर्शन

इस प्रतियोगिता में खिलाड़ियों की सफलता के पीछे थाई बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष अनीस मेमन और प्रशिक्षक टिकेश्वरी साहू का भी अहम योगदान रहा। उनके अनुभव और मार्गदर्शन में खिलाड़ियों ने तकनीकी प्रशिक्षण और मानसिक तैयारी के साथ प्रतियोगिता में भाग लिया।

पूरे जिले को इन बेटियों पर गर्व

दंतेवाड़ा के लोगों में इस उपलब्धि को लेकर उत्साह है। जिला प्रशासन, सामाजिक संगठनों और खेल प्रेमियों ने नुपुर, छाया और नेहल को शुभकामनाएं दी हैं। इन बेटियों की सफलता न केवल प्रेरणास्पद है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि यदि संकल्प मजबूत हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

इन बेटियों की जीत ने दंतेवाड़ा को एक नई पहचान दिलाई है और जिले के अन्य युवाओं को भी खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उम्मीद है कि ये तीनों खिलाड़ी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगी।

Related Articles

Back to top button
You Cannot able to copy the content! All Reserved Rights of Bastar Dagar