खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पारदर्शिता के लिए छत्तीसगढ़ की पहल को मिला राष्ट्रीय सम्मान, डीएमएफ के उत्कृष्ट कार्यों पर भारत सरकार के खान मंत्रालय ने किया सम्मानित

खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास और पारदर्शिता के लिए छत्तीसगढ़ की पहल को मिला राष्ट्रीय सम्मान, डीएमएफ के उत्कृष्ट कार्यों पर भारत सरकार के खान मंत्रालय ने किया सम्मानित
रायपुर, 9 जुलाई 2025 / भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। खनन प्रभावित क्षेत्रों में पारदर्शिता, समावेशी विकास और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर छत्तीसगढ़ की सराहनीय पहल को देशभर में मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया।
आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव पी. दयानंद को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना और डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के सचिव, संचालक और खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स ने हिस्सा लिया।
डेटा अपलोडिंग में अव्वल छत्तीसगढ़
नेशनल डीएमएफ पोर्टल में डीएमएफ से संबंधित डेटाबेस की समय पर और व्यापक अपलोडिंग के लिए छत्तीसगढ़ को यह सम्मान मिला। राज्य ने डीएमएफ के ऑडिट रिपोर्ट और परियोजनाओं का लगभग 90 प्रतिशत डेटा राष्ट्रीय पोर्टल पर अपलोड किया है।
छत्तीसगढ़ के प्रयासों को कार्यशाला में अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बताया गया। उन्हें पारदर्शिता, ज़मीनी क्रियान्वयन और तकनीकी प्रबंधन में छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाने की सलाह दी गई।
1 लाख से ज्यादा विकास कार्यों की स्वीकृति
राज्य सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना और आजीविका जैसे क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं।
जनहित और पारदर्शिता की नीति
छत्तीसगढ़ शासन ने डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण अपनाया है। प्रत्येक जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं बनाई जा रही हैं और उनकी निगरानी की जा रही है। यह नीति केवल भौतिक विकास तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी केंद्र में रखती है।
छत्तीसगढ़ प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भागीदारी
कार्यशाला में राज्य की ओर से खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद, संचालक रजत बंसल, और बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर्स व डीएमएफ के नोडल अधिकारी शामिल हुए।