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भारतमाला परियोजना फर्जीवाड़ा: निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा– “मैं दोषी नहीं हूं”

भारतमाला परियोजना फर्जीवाड़ा: निलंबित पटवारी सुरेश मिश्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा– “मैं दोषी नहीं हूं”

बिलासपुर, 26 जून 2025
भारतमाला परियोजना फर्जीवाड़ा मामले में निलंबित किए गए पटवारी सुरेश मिश्रा ने आत्महत्या कर ली। शुक्रवार को उनकी लाश सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव स्थित अपनी बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस में फंदे से लटकी मिली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें मिश्रा ने खुद को निर्दोष बताया है और बड़े अधिकारियों पर षड्यंत्रपूर्वक फंसाने का आरोप लगाया है।

सुरेश मिश्रा को कुछ दिन पहले ही बिलासपुर-उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण में दस्तावेजों की कथित हेराफेरी के मामले में निलंबित किया गया था। इसी महीने 30 जून को उनका रिटायरमेंट तय था, लेकिन उससे पहले उन्होंने यह कदम उठा लिया।

परिजनों और सूत्रों के अनुसार, मिश्रा पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थे और अक्सर जोकी गांव स्थित अपनी बहन के फार्महाउस में समय बिताया करते थे।

पुलिस को फार्महाउस से मिले सुसाइड नोट में सुरेश मिश्रा ने लिखा है— “मैं दोषी नहीं हूं। मुझे जानबूझकर फंसाया गया है। बड़े अधिकारियों ने षड्यंत्र किया। मेरा इस केस से कोई लेना-देना नहीं है।”

फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सुसाइड नोट की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

यह मामला छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर जब एक कर्मचारी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले मानसिक तनाव में आत्महत्या कर लेता है और सुसाइड नोट में उच्चाधिकारियों पर आरोप लगाता है।

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