छत्तीसगढ़ के अनिमेष कुजूर ने बनाया नया नेशनल रिकॉर्ड, 100 मीटर दौड़ सिर्फ 10.18 सेकंड में पूरी कर रचा इतिहास

जशपुर के आदिवासी गांव से यूरोप के ट्रैक तक पहुंचा युवा धावक, अब मोनाको की डायमंड लीग में दौड़ेंगे
रायपुर, 9 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के छोटे से आदिवासी गांव घुइतांगर से निकले अनिमेष कुजूर ने भारतीय एथलेटिक्स में नया इतिहास रच दिया है। ग्रीस के वारी शहर में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में उन्होंने 100 मीटर की दौड़ महज 10.18 सेकंड में पूरी कर नया भारतीय रिकॉर्ड कायम कर दिया।
हालांकि प्रतियोगिता में वे तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन यह प्रदर्शन भारत के लिए मील का पत्थर बन गया। इससे पहले यह रिकॉर्ड गुरइंदरबीर सिंह के नाम था। इस रेस में पहले स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन (10.01 सेकंड) और दूसरे स्थान पर ओमान के अली अल बलूशी (10.12 सेकंड) रहे।
सैनिक स्कूल से रेसिंग ट्रैक तक का सफर
अनिमेष ने अपनी स्कूली पढ़ाई सैनिक स्कूल अंबिकापुर से पूरी की और शुरुआत में सेना में भर्ती होना उनका सपना था। साल 2020 में 12वीं के बाद वे फौज की तैयारी में जुटे थे। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान फुटबॉल खेलते-खेलते उन्होंने एक ओपन रेस में हिस्सा लिया और वहां से उनकी जिंदगी ने रफ्तार पकड़ ली। एक के बाद एक टूर्नामेंट खेलते हुए वे एथलेटिक्स की दुनिया में अपनी पहचान बनाने लगे।
कोच मार्टिन की नजर में आया टैलेंट
ओडिशा स्थित रिलायंस फाउंडेशन एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर में एक प्रतियोगिता के दौरान अनिमेष की प्रतिभा पर कोच मार्टिन ओवेंस की नजर पड़ी। उन्होंने तुरंत अनिमेष को ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किया। मार्टिन बताते हैं, “तकनीक भले ही कच्ची थी, लेकिन जुनून और स्पीड शानदार थी।” अब उसी मेहनत और लगन का परिणाम सामने है।
200 मीटर में भी तोड़ा रिकॉर्ड, लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं हुआ दर्ज
जेनेवा मीट 2025 में अनिमेष ने 200 मीटर की दौड़ 20.27 सेकंड में पूरी की, जो किसी भी भारतीय द्वारा अब तक की सबसे तेज़ दौड़ है। हालांकि हवा की अधिक गति (2 मीटर/सेकंड से अधिक) के चलते इसे आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जा सका।
मां की डांट से लेकर राष्ट्रीय गर्व तक का सफर
अनिमेष बताते हैं कि जब उन्होंने खेल को गंभीरता से लेना शुरू किया, तब मां उन्हें पढ़ाई से भटकता देख डांटती थीं। अब वही मां दिन में कई बार फोन करके हालचाल लेती हैं और बेटे की उपलब्धियों पर गर्व महसूस करती हैं।
अब मोनाको की डायमंड लीग में दौड़ेंगे अनिमेष
अनिमेष फिलहाल यूरोप दौरे पर हैं और 11 जुलाई को मोनाको में होने वाली डायमंड लीग में हिस्सा लेंगे। कोच मार्टिन का कहना है कि यह मंच युवा भारतीय एथलीट्स के लिए बेहतरीन अवसर है जहां वे विश्व स्तरीय धावकों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
“अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है” – अनिमेष कुजूर
अपने प्रदर्शन को लेकर अनिमेष कहते हैं, “यूरोप में दौड़ने और ट्रेनिंग लेने के बाद मुझे समझ में आया है कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। मैं देश के लिए अपनी पूरी जान लगाकर दौड़ूंगा।”
ये भी जानिए:
अनिमेष के माता-पिता दोनों छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी हैं।
पहली बार ओपन रेस में हिस्सा लेने के बाद ही बना ली थी एथलीट बनने की राह।
अनिमेष का सपना अब ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।
छत्तीसगढ़ से निकले इस युवा धावक ने दिखा दिया है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।