शराब घोटाले में संलिप्त 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित; एक अधिकारी ने जमा किए ₹88 करोड़

‘छत्तीसगढ़ में 39 आबकारी अधिकारियों का तबादला‘
रायपुर – छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी बड़ी कार्रवाई में आबकारी विभाग ने 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों को आरोपी के रूप में नामजद किया गया है और इन पर शराब घोटाला सिंडिकेट का हिस्सा होने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, इन अधिकारियों ने करीब ₹88 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित की। हाल ही में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इनके खिलाफ विशेष न्यायालय रायपुर में चार्जशीट दाखिल की है।
निलंबन के बाद विभाग ने 39 आबकारी अधिकारियों का तबादला भी किया है। अधिकांश जिला स्तरीय अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया है। हालांकि आदेश में प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन इसे एक विभागीय फेरबदल के रूप में देखा जा रहा है। यह आदेश नवा रायपुर स्थित वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी किया गया।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में अब तक की अनुमानित राशि ₹2,100 करोड़ से बढ़कर ₹3,200 करोड़ तक पहुंच गई है। व्यापारी अनवर ढेबर, जिसे इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, को ₹90 करोड़ से अधिक की राशि मिली थी। EOW की जांच में सामने आया है कि उसने यह राशि अपने रिश्तेदारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के नाम पर विभिन्न कंपनियों में निवेश की थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस शराब घोटाले की जांच कर रही है और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में FIR दर्ज की गई है। एफआईआर में ₹2,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का उल्लेख है।
ED की रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिसमें IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और व्यापारी अनवर ढेबर की सिंडिकेट भूमिका सामने आई है।
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