पशुपालन में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने ‘ए-हेल्प’ योजना के तहत 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, 7 विकासखंडों की 27 पशुसखियों को मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण

पशुपालन में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने ‘ए-हेल्प’ योजना के तहत 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, 7 विकासखंडों की 27 पशुसखियों को मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण
जगदलपुर! बस्तर जिले में पशुपालन और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘ए-हेल्प योजना’ के अंतर्गत 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र, कुम्हरावंड में हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतीक जैन ने कहा कि “इस प्रशिक्षण से महिलाएं पशुपालन संबंधी तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर स्वयं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएंगी और **अपने गांवों में पशुपालकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण और पोषण प्रबंधन में सहयोगी बनेंगी।” उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से अपील की कि वे इसे पूरी लगन और समर्पण से सीखें और अपने गांवों में मॉडल बनें।
पशु सेवाएं बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ. डी.के. नेताम ने बताया कि प्रशिक्षण में पशु स्वास्थ्य, बीमारी की पहचान, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों स्तर पर दक्षता प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण में भ्रमण और प्रयोगात्मक गतिविधियाँ भी शामिल रहेंगी, जिससे पशुसखियाँ जमीनी स्तर पर प्रभावी सेवा दे सकें।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. संतोष नाग ने जानकारी दी कि यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सहयोग से आयोजित हो रहा है। इस प्रशिक्षण में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत चयनित 27 पशुसखियों को पंजीकृत कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चयन प्रक्रिया में बस्तर जिले के सभी 7 विकासखंडों को शामिल किया गया है।
इस शुभारंभ अवसर पर डॉ. राहुल साहू, श्री कमल ध्रुव, श्री दुष्यंत पाण्डेय, श्री दिनेश ध्रुव, डॉ. आलोक भार्गव, डॉ. योगेश देवांगन, डॉ. शेफाली मेश्राम, डॉ. नवीन साहू और श्री राजकुमार देवांगन सहित 27 पशुसखियाँ मौजूद रहीं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन में आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें स्थानीय अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।