न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी बदलाव की पहल: मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने दिए निर्देश, अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकेगी अभियुक्तों और साक्षियों की पेशी

न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी बदलाव की पहल: मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने दिए निर्देश, अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सकेगी अभियुक्तों और साक्षियों की पेशी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित और सुरक्षित निपटारे के लिए एक बड़ी पहल की है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि न्यायालयों में अभियुक्तों एवं साक्षियों की उपस्थिति अब यथासंभव श्रव्य-दृश्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों (Audio-Video Electronic Means) के माध्यम से सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि आमतौर पर अभियुक्तों और साक्षियों को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश किया जाता है, जिससे न सिर्फ समय और संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि कई बार अभियुक्तों की सुरक्षा को भी खतरा होता है। इसके अलावा डॉक्टर, बैंक कर्मचारी और अन्य सरकारी सेवकों की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से उनके रोजमर्रा के कार्यों पर असर पड़ता है और शासन को उनके यात्रा व्यय का अतिरिक्त भार उठाना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत यह प्रावधान किया गया है कि अभियुक्तों और साक्षियों की अदालत में उपस्थिति श्रव्य-दृश्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी हो सकती है। इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु उन्होंने कलेक्टरों से आग्रह किया है कि यह विषय जिला एवं सत्र न्यायालय की अध्यक्षता में गठित मॉनिटरिंग समिति की बैठक के एजेंडे में शामिल किया जाए और आवश्यक कदम उठाए जाएं।
यह कदम राज्य की न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक डिजिटल, कुशल और सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।