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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में नया मोड़: 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का चालान पेश, पूर्व मंत्री कवासी लखमा की भूमिका और भी गहराई

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में नया मोड़: 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का चालान पेश, पूर्व मंत्री कवासी लखमा की भूमिका और भी गहराई

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को इस घोटाले में संलिप्त 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का चालान रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया है। यह चालान घोटाले की परत दर परत सच्चाई उजागर कर रहा है।

इससे पहले 30 जून को ईओडब्ल्यू ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ लगभग 1200 पन्नों का चौथा पूरक चालान पेश किया था, जिसमें बताया गया कि लखमा को इस घोटाले से 64 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई। इनमें से 18 करोड़ रुपये के खर्च और निवेश से जुड़े दस्तावेजी साक्ष्य भी जांच एजेंसी को मिले हैं।

ईओडब्ल्यू के अनुसार, लखमा के संरक्षण में अधिकारियों, ठेकेदारों और सहयोगियों ने मिलकर इस सुनियोजित घोटाले को अंजाम दिया। घोटाले की रकम का उपयोग व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में किया गया, जिससे उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ मिला।

13 आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी

अब तक इस घोटाले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में दाखिल किए जा चुके हैं। कवासी लखमा 21 जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें ED ने 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद कस्टोडी और न्यायिक रिमांड में पूछताछ की गई।

कैसे हुआ घोटाला?

इस घोटाले की शुरुआत तब हुई जब पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और सीएम सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को अवैध वसूली का सरगना बताया गया।

इसके बाद 18 नवंबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और जांच के दौरान 2161 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ। ED की चार्जशीट में यह बताया गया कि 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर CSMCL के माध्यम से शराब की बिक्री शुरू की गई, लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने MD पद पर अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति कर भ्रष्टाचार का जाल फैलाया।

आरोपियों की लंबी सूची

13 मार्च को दाखिल 3841 पन्नों की चार्जशीट में लखमा समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, विभिन्न डिस्टिलरी कंपनियां, सिक्योरिटी एजेंसियां और कारोबारी भी शामिल हैं।

निष्कर्ष

2161 करोड़ के इस शराब घोटाले में एक के बाद एक बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं। लखमा सहित कई रसूखदारों की भूमिका जांच के दायरे में है और मामले की परतें अभी खुलना बाकी हैं। न्यायिक प्रक्रिया और जांच के अगले कदमों पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं।

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