महाराष्ट्र की भाषा नीति पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का बड़ा बयान, कहा- मराठी जनता का विरोध रंग लाया, फडणवीस सरकार ने फैसला लिया वापस

महाराष्ट्र की भाषा नीति पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का बड़ा बयान, कहा- मराठी जनता का विरोध रंग लाया, फडणवीस सरकार ने फैसला लिया वापस
रायपुर, 1 जुलाई 2025
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले इन दिनों छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं। सोमवार को रायपुर पहुंचे अठावले ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी को लेकर उठे विवाद के चलते राज्य सरकार को पीछे हटना पड़ा।
रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए अठावले ने कहा, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और इसका सम्मान जरूरी है, लेकिन मराठी स्कूलों में अन्य भाषा को पढ़ाने का विरोध किया गया। मराठी जनता ने मजबूती से अपनी बात रखी और आंदोलन से पहले ही सरकार ने हिंदी को अनिवार्य बनाने का निर्णय वापस ले लिया।”
महाराष्ट्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी में बदलाव करते हुए हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का आदेश जारी किया था। इस फैसले के खिलाफ राज्य में विरोध शुरू हो गया था। कई मराठी संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसे मराठी अस्मिता के खिलाफ बताया था।
विवाद बढ़ने पर रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने आदेश वापस ले लिया। साथ ही नीति की समीक्षा और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को देखने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की गई है।
सीएम फडणवीस ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि “थ्री-लैंग्वेज पॉलिसी के क्रियान्वयन और भाषा चयन के तरीके को लेकर डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की नीति बनाई जाएगी।”
अठावले का बयान सियासी हलकों में चर्चा में
रामदास अठावले का यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र में भाषा और सांस्कृतिक पहचान को लेकर लगातार बहस छिड़ी हुई है। उन्होंने मराठी जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार के कदम को सही बताया और कहा कि केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना चाहिए।